आज भी बुर्जुआ प्रतिक्रियावादी नवनात्सी तत्व और धार्मिक पुनरुत्थानवादी इस तरह के तर्क देते रहते हैं ।
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और हो भी रहा हैद्ध, क्योंकि उनमें धार्मिक पुनरुत्थानवादी अन्धराष्ट्रवाद और श्रेष्ठतावाद के तमाम तत्व मौजूद हैं।
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यह नैतिकतावादी, धार्मिक पुनरुत्थानवादी और शुद्धतावादी आह्नान वास्तव में बल-प्रयोग और दण्ड के आस्था तन् त्र का अनुसरण करता है।
4.
हिंदी के तथाकथित समीक्षक हिंदू धर्मादेशों का चश्मा कभी नहीं उतारते और यही वजह है कि उनकी वैचारिकता का दायरा धार्मिक पुनरुत्थानवादी ही बना रहता है.
5.
औपनिवेशिक गुलामी के दौर में धार्मिक पुनरुत्थानवादी राष्ट्रवाद की भी एक सकारात्मक भूमिका थी, क्योंकि उस ऐतिहासिक युग के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक अन्तरविरोध भिन्न थे।
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हिप्पियों को अपमानित भी किया गया और कभी-कभी बदमाशों, धार्मिक पुनरुत्थानवादी मॉड्स, ग्रीजर्स, फुटबॉल कैजुअल्स, टेडी ब्वायज और 1970 एवं 1980 के दशक के अन्य युवा उप-संस्कृतियों के सदस्यों द्वारा इनपर हमला भी किया गया.
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पूँजीवादी धार्मिक पुनरुत्थानवादी निरंकुश प्रबुद्ध शासन! इसे ही ‘ छद्म विकल्पों का समुच्चय ' या देल्यूज़ जैसे नवमार्क् सवादियों की भाषा में ‘ डिस्जंक्टिव सिन्थेसिस ' कहते हैं! खै़र, आगे बढ़ते हैं।
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प्रारम्भिक जुझारू राष्ट्रवाद के अन्दर मौजूद धार्मिक पुनरुत्थानवादी प्रवृत्ति भी आगे चलकर नरमपन्थी साम्प्रदायिक राजनीति के उद्भव में सहायक बनी और फिर नरमपन्थी साम्प्रदायिक राजनीति की एक तार्किक परिणति इनायतुल्ला खान मशरिकी के खाकसार, हिन्दू महासभा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे फासिस्ट प्रकृति के साम्प्रदायिक संगठनों के रूप में सामने आयी।
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इन सभी पर्यावरणीय और आर्थिक उन्नयन के कार्यों के साथ रालेगण सिद्धी में अण्णा हज़ारे ने राजनीतिक और सामाजिक प्राधिकार, सामाजिक संरचना, दलितों और महिलाओं के सामाजिक सुधार, आदि के क्षेत्र में जो मॉडल लागू किया वह एक धार्मिक पुनरुत्थानवादी, अन्धराष्ट्रवादी, जातिगत श्रेष्ठताबोध-ग्रस्त, जेण्डर श्रेष्ठताबोध-ग्रस्त और पश्चगामी मॉडल है।